eye care

जानिए न्यूरोथेरपी से आँखों का सफल इलाज मात्र 30 दिनों में आँखों की रोशनी बढ़ाये

Neurotherapy क्या है न्यूरोथेरपी से आँखों का सफल इलाज कैसे होता है

न्यूरोथेरपी एक भारतीय चिकित्सा है इसमे हम नर्व ऑर्गन्स ओर ग्लैंड को स्टिमुलेशन देकर दवा को शरीर मे ही बना देते हैं।हमारे शरीर के अंदर अपने आप हर तरह की केमिकल बनता है। पर किसी कारण से जैसे खानपान ठीक न होना,परदूसन में रहना,तनाव में रहना,व्यायाम न करना,गलत उठना बैठना,गुस्से में रहना ,इससे शरीर के अंगों ओर ग्लैंड पर असर होता हैं, जिससे उनका कार्य धीमा हो जाता है, जिससे उन ग्रन्थियों से बनने वाले केमिकल ओर हार्मोन्स में कमी आ जाती है।जिसके कारण एसिड ओर अल्कली का बैलेंस बिगड़ जाता है और एकाध चीज की कमी से बीमारी आ जाती है। हम न्यूरोथेरपी में शरीर के विभिन्न अंगों पर दबाब देकर उन ग्रन्थियो को उकसाकर उनके कार्य को सुचारू रूप से चलाते है।न्यूरोथेरपी मैं किसी प्रकार की दवाई का इस्तेमाल नही होता,ये उपचार देते समय थेरेपिस्ट दोनो तरफ की कुर्सियो का सहारा लेकर अपने पैरों से मरीज के हाथ पैरों पर जांघ पर दबाब देते हैं, मरीज को किसी भी प्रकार की तकलीफ नही होती।यह उपचार किसी भी उम्र का व्यक्ति करा सकता है। छोटे बच्चों और बुजर्गो को हाथ से ट्रीटमेंट देते हैंजो दूसरे चिकित्सा प्रणाली हैं जिनमें दवा दी जाती है जो सरीर के अंदर केमिकल के आधार पर बनाई जाती है पर वह शरीर के बाहर की चीज है तो सरीर उसे जितना चाहिए आत्मसात नही करपाता कभी कभी बीमारी एक तरफ रह जाती है।उन दवाई के गलत रिजल्ट से दूसरी भयानक बीमारी जन्म ले लेती हैजैसे सुगर का मरीज लंबे समय तक दवा खाता रहता हैं दवा के गलत परिणाम से उसकी किडनी भी फेल हो जाती हे।
Neurotherapy साइड effects से भी बचाती है।

Neurotherapy से बिना दवाई से होता है इलाज : 

इसमें किसी प्रकार की दवा का सेवन नही होता।यदि सरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो हमारा शरीर किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ नही सकता। Allopathy में जो दवा दी जाती ह।वो एक बीमारी को ठीक करती है दूसरी पैदा कर देती है इनका वायरस पर भी कोई असर नही होता।क्योंकि वायरस अपना रूप बदल लेता है।जिससे दवा का असर नही होता। अंग्रेजी दवाई खाने से पेट बिगड़ जाता है भूख बिगड़ जाती हैंशरीर के गुड बैक्टेरिया भी मर जाते हैं।कभी कभी वह व्यक्ति दुबारा बीमारी का शिकार हो जाता है।Neurotherapy के ट्रीटमेंट से रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ा दिया जाता हैंजिससे वायरस ओर बेक्टेरिया को खत्म करने की शक्ति का निर्माण सरीर में ही किया जाता है।इसी तरीके से मलेरिया के बेक्टेरिया को भी खत्म किया जाता हैकुछ बीमारी ऐसी है जिनका मेडिकल साईस मै इलाज नही है mnd पार्किंसन,GBS, थेलेसीमिया, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी आदिन्यूरोथेरपी में नाभि को केंद्र मानकर इलाज किया जाता हैं नाभि को ठीक करने से बहुत सारी बीमारी ठीक हो जाती है।हमारे भारत मे पराचीन काल से ही माना जाता है कि हर बीमारी की जड़ पेट से सुरु होती है।क्योंकि सारे हार्मोन्स ओर एंजाइम पेट मे ही बनते हैं80 परसेंट बीमारी की जड़ पेट हैइसलिए कहते ह पेट ठीक सब ठीकन्यूरोथेरपी में सबसे पहले हम पेट को ही ठीक करते हैंताकि खाना ठीक से पचे

 

Neurotherapy से आँखों का सफल इलाज मात्र 30 दिनों में आँखों की रोशनी बढ़ाये

क्या आप भी काफी समय से आंखों की समस्या से ग्रस्त है ,तो न्यूरोथेरपी आपके लिए वरदान साबित हो सकती है।न्यूरोथेरपी में हम ऑर्गन्स ग्लैंड्स को स्टिमुलेशन देकर हार्मोन्स ओर एंजाइम द्वारा शारीर का इलाज करते हैं।न्यूरोथेरपी में एसिड ओर अल्कली को बेस मानकर इलाज किया जाता है अगर आपको आंखों की काफी प्रॉब्लम हो गई हैं आंखों की रोशनी कम हो जाना आंखों की रोशनी का चले जाना आंखों की रोशनी का चले जाना मोतिया हो जाना बुखार के बाद आखो की रोशनी का चले जाना मैनिंजाइटिस के बाद आंखों की रोशनी कम हो जाना आंखों से पानी आना ऑप्टिक न्यूरोपेथीअगर आप ऐसी किसी समस्या से परेसान ह तो एक बार न्यूरोथेरपी जरूर कराएहम न्यूरोथेरपी में आंखों का इलाज कैसे करते हैंसबसे पहले हम ऑप्टिक नर्व को एक्टिव करते हैंजिसके लिए हम क्रेनियल नर्व को स्टिमुलेशन देते हैंफिर नर्व में खून का संचालन बढ़ाते हैअगर आंख की नर्व में कोई सूजन ह तो एड्रेनल को एक्टिव करके आंख की सूजन को कम करते हैं।ये चिकिस्ता एक से दो महीने चलती हैओर 15 दिन में मरीज को आराम आने लगता हैंअब तक आंखों के मरीज बहुत से ठीक हो चुके है न्यूरोथेरपी सेन्यूरोथेरपी शरीर के एक अंग को ठीक न करके पूरे शरीर को ठीक करती है

और पढ़े :Best Naturopathy Centre in faridabad

Tags: Neurotherapy, Neurotherapy से आँखों का सफल इलाज, Neurotherapy से बिना दवाई से होता है इलाज

Share with

Facebook
Twitter
LinkedIn
Tumblr
Pinterest

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *